डॉ. सुनीता वर्मा

हिन्दी प्राध्यापिका

📍 लखनऊ, उत्तर प्रदेश


अनुभव

15+ वर्षों का अनुभव हिंदी भाषा, साहित्य और व्याकरण के शिक्षण में।

योग्यता

एम.ए. (हिन्दी), पी.एच.डी. (आधुनिक हिंदी साहित्य)

संपर्क

drsunita@email.com

+91-98XXX12345

📖 हिन्दी

हिन्दी भारत की प्रमुख भाषाओं में से एक है और इसकी साहित्यिक परंपरा समृद्ध एवं विविधतापूर्ण है। इसमें कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध आदि के माध्यम से सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं को अभिव्यक्त किया जाता है।

📌 सारांश

हिन्दी विषय भाषा कौशल, साहित्यिक समझ और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करता है। यह छात्रों को संवाद क्षमता, रचनात्मक लेखन और आलोचनात्मक दृष्टि प्रदान करता है।

🛠️ सिखाए जाने वाले कौशल
  • हिन्दी व्याकरण और शुद्ध लेखन
  • पठन एवं श्रवण कौशल
  • कविता, कहानी एवं निबंध लेखन
  • साहित्यिक आलोचना और विश्लेषण
  • मौखिक अभिव्यक्ति और वाद-विवाद
  • पत्र एवं रचनात्मक लेखन
📚 शिक्षण पद्धतियाँ
  • साहित्यिक पाठों का विश्लेषण
  • नाटक एवं रोल-प्ले
  • समूह चर्चा एवं वाद-विवाद
  • रचनात्मक लेखन कार्यशालाएँ
  • ऑडियो-वीडियो सामग्री का उपयोग
  • पाठन एवं पठन-पाठन प्रतियोगिताएँ
📝 मूल्यांकन तकनीक
  • लेखन कौशल पर आधारित असाइनमेंट
  • साहित्यिक विषयों पर मौखिक प्रस्तुति
  • व्याकरण आधारित प्रश्न
  • रचनात्मक परियोजनाएँ
  • समूह गतिविधियों में सहभागिता
🌐 वास्तविक जीवन में उपयोग

हिन्दी का ज्ञान पत्रकारिता, अनुवाद, प्रकाशन, शिक्षण, मीडिया, पटकथा लेखन, और प्रशासनिक सेवाओं में अत्यंत उपयोगी है।

🔗 अंतःविषय महत्व

हिन्दी साहित्य इतिहास, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, लोककला, और संचार माध्यमों से जुड़ा हुआ है, जो बहुआयामी दृष्टिकोण विकसित करता है।

🎯 सीखने के परिणाम

पाठ्यक्रम के अंत में विद्यार्थी सक्षम होंगे:

  • शुद्ध और प्रभावी हिन्दी में संवाद करना
  • साहित्यिक कृतियों का विश्लेषण करना
  • रचनात्मक लेखन में दक्षता प्राप्त करना
  • व्याकरण का सही उपयोग करना
  • हिन्दी के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक पहलुओं को समझना
Verified
B O O K
T U T O R